जिंदगी में बगैर ज्ञान के कुछ नहीं पाया जा सकता, चाहे वो ज्ञान किताबों से हासिल किया हो या अपने व दुसरों के जीवन के अनुभव से। सीखने और ज्ञान पाने का सिलसिला ताउम्र चलता है। इसके लिए हम अपनी सारी धनराशि खर्च कर दें, तब भी हम सारी दुनिया का ज्ञान हासिल नहीं कर सकते। ज्ञान बांटने से बढ़ता है, लेकिन वर्तमान की विडंबना यह है कि आज आधे अधूरे ज्ञान वाले लोगों को, मुफ्त में ज्ञान बांटने की आदत हो गई है। क्या यह आदत सही है या फिर नुकसानदायक। सफलता इस बारे में नहीं है कि आप अपने जीवन में क्या हासिल करते हैं, बल्कि इस बारे में है कि आपकी सफल जिंदगी या ज्ञान दूसरों को कैसे इंस्पायर करता है। दान करने वाले को दानवीर कहा जाता है, उसी तरह ज्ञान बांटने वालों को ज्ञानवीर कहना सही होगा। ज्ञान से विनम्रता आती है, जिस प्रकार प्रेम हमें संपूर्ण बनाता है, ठीक वैसे ही ज्ञान हमें शक्ति देता है। एक कहावत है कि ज्ञान, बहुत शांत और मौन होता है। न सिर्फ लोगों से, बल्कि प्रकृति की हर चीज, हमें, कुछ न कुछ सिखाती है। व्यक्ति का ज्ञान ही उसके काम आता है, लेकिन अल्पज्ञान खतरनाक हो सकता है। अक्सर कुछ लोग थोड़ा सा ज्ञान पाते ही इतराने लगते हैं।
ज्यादातर लोगों को किसी विषय की चाहे जानकारी न हो, लेकिन वो हमेशा ज्ञान बांटने की फिराक में रहते हैं। और वो भी बिना मांगा- मुफ्त ज्ञान। यह एक गलत आदत है, जिससे नुकसान हो सकता है। मुफ्त में ज्ञान बांटने वाले लोग, अपनी बात इतने आत्मविश्वास से बोलते हैं, कि उस विषय का पंडित भी उनके सामने आ जाए, तो वो भी चुप कर जाता है। ज्ञान बांटने वाले लोगों की कई किस्में हैं, कुछ लोग सही में ज्ञानी होते हैं, यानी वो किसी विषय के महारथी होते हैं। और इसी लिए उन लोगों के लिए, स्पेशलाइज्ड और एक्सपर्टीज खिताब दिए जाते हैं। जैसे जो गणित में निपुण है, उसे मैथेमैटिशियन और विज्ञान के ज्ञानी को साइंटिस्ट कहा जाता है। ऐसे लोगों से ज्ञान लेना और उनसे अपनी किसी समस्या का समाधान मांगना, लाभदायक होगा। लेकिन जिन्हें पूरा ज्ञान नहीं होता, वो भी बिना लॉजिक के, एडवाइस देते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहने में समझदारी है। अधूरा ज्ञान नहीं बांटना चाहिए, इससे खुद की इज्जत का नाश और सलाह लेने वाले का सत्यानाश निश्चित है। गलत और सीमित जानकारी, नुकसानदायक होती है। मार्गदर्शन के लिए कब, कैसे और किसे पूछना है, इसका ध्यान रखें। हर चीज में डेवलपमेंट की गुंजाइश रहती है, ऐसे ही हमारी जिंदगी है। जैसे टेक्नोलॉजी अपडेट हो रही, ठीक उसी तरह हमारी लाइफ को भी अपडेट होने की जरूरत है। जाहिर सी बात, कोई भी बिलकुल परफेक्ट नहीं होता है। सीखना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। और दूसरों से सीखना इस विकास का, एक बहुत अच्छा जरिया है।
आज हमारी पढ़ने-लिखने की आदत छूट गई है। यू ट्यूब, फेसबुक जैसे कई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर हमें हर अपडेट मिलती है। लेकिन सोशल मीडिया के हर डेटा, हर खबर पर विश्वास नहीं कर सकते है। फेक न्यूज, साइबर क्राइम जैसी कई चीजें, देखने को मिलती हैं। और ऐसे ही कई बार,कुछ लोग केवल सुनी -सुनाई बातों के आधार पर दूसरों को ज्ञान देना शुरू कर देते हैं,जो कि सही नहीं है। इतना ही नहीं, हम अपने इतिहास से, बहुत दूर हो रहे हैं। यह हमारे वर्तमान और भविष्य का आधार है, इससे सीखना चाहिए। इतिहास की हर घटनाह में कुछ न कुछ सिखाती है, चाहे वो नैतिक या रणनीतिक कोई भी ज्ञान हो। इसके अलावा, कई बार हम दूसरों को सदाचार, करुणा, ईमानदारी जैसे नैतिक और सामाजिक मूल्यों का ज्ञान देने देते हैं। यह बहुत अच्छी बात है, क्योंकि आपके कहने पर, अगर कोई दूसरा इनसान, एक अच्छा चरित्र बना पाता है। ज्ञान बांटना, सलाह देना और आदेश देना यह बहुत ही आसान लगता है और मनुष्य इस कार्य को करने में बहुत गर्व अनुभव करता है। लेकिन उससे पहले, हमें खुद में वो बदलाव लाने की जरूरत है, जो दूसरों में देखना चाहते हैं। क्योंकि हमारे वचनों और आदेशों से ज्यादा, हमारी जिंदगी का अनुभव और उसकी सफल कहानी लोगों को ज्यादा प्रोत्साहित करती है। ज्ञानी बहुत शान्त होता है, वो सिर्फ ज्ञान बांटता नहीं है, बल्कि ज्ञान लेता भी है। अगर अपनी जिंदगी की पर्सनल दिक्कतों के लिए एडवाइस, चाहिए होगी, तो आपके घर पर ही एक इनसान बैठा है, जिसने अपनी जिंदगी जी है और पूरी दुनिया के रंग देखे हैं। आपके पिता। द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी सिर्फ इतना कहना चाहता है कि अपनी व्यक्तिगत जिंदगी के किसी भी मुकाम पर, अपने पिता से सलाह लीजिए, उनसे बेहतर एडवाइस आपको कोई और नहीं दे पाएगा।